IT News Alert:newsfacebook-develops-quicker-and-faster-way-to-translate-using-ai

फेसबुक पोस्ट अब और तेजी से हो सकेगी ट्रांसलेट, पहले से बेहतर होगी ट्रांसलेशन की क्वालिटी

 गैजेट डेस्क. दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अच्छी एक्यूरेसी के साथ ट्रांसलेट करने का एक नया तरीका विकसित किया है। इससे कम रिसोर्सेज वाली उर्दू और बर्मीज जैसी भाषाओं को भी ज्यादा अच्छे से ट्रांसलेट किया जा सकेगा। कंपनी ने इसके लिए ऑर्टिफिशयल इंटेलिजेंस पर बेस्ड न्युरल मशीन ट्रांसलेशन का इस्तेमाल किया है। फेसबुक की इस तकनीक से दुनियाभर में फैले उसके यूजर्स किसी भी पोस्ट को अपनी भाषा में ज्यादा तेजी से एक्यूरेसी के साथ पढ़ सकेंगे।

टेक्स्ट को अलग-अलग किया गया है फीड: फेसबुक की ऑर्टिफिशयल इंटेलिजेंस रिसर्च (एफएआईआर) टीम ने विकीपीडिया जैसी वेबसाइट्स के अलावा अन्य जगहों पर सार्वजनिक रूप से अवेलेबल अलग-अलग भाषाओं के अलग-अलग टेक्स्ट को फीड करके अपने मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम को ट्रेन्ड किया है। ये सारे टेक्स्ट एक-दूसरे से संबंधित नहीं थे। अलग-अलग भाषाओं के टेक्स्ट का ऐसा इस्तेमाल मोनोलिंगुअल कॉर्पोरा कहा जाता है। गौरतलब है कि मोनोलिंगुअल कॉर्पोरा और पैरेलल कॉर्पस टेक्स्ट कॉर्पोरा के दो प्रमुख प्रकार हैं।

मोनोलिंगुअल कॉर्पोरा बनाना है आसान: इस दौरान वैज्ञानिक और एफएआईआर की पेरिस रिसर्च लैब के हेड एंटोनी बोर्डिस ने कहा कि पैरेलल कॉर्पस बनाना मुश्किल है क्योंकि इसे बनाने के लिए दोनों भाषाओं को फ्लुएंसी के साथ जानने वाले को खोजना पड़ेगा। जो एक बहुत ही मुश्किल काम है। जबकि मोनोलिंगुअल कॉर्पोरा को बनाना बहुत आसान है। अगर पुर्तगाली और नेपाली भाषा का मोनोलिंगुअल कॉर्पोरा बनाना है तो बस दोनों भाषाओं में उपलब्ध किसी वेबपेजेज को डाउनलोड कर दीजिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे पैरेलल वाक्य नहीं हैं या फिर वे अलग-अलग चीजों के बारे में बात करते हैं।

कंप्यूटर ट्रांसलेशन सिस्टम करते हैं दोनों का इस्तेमाल: उन्होंने कहा कि अधिकतर कंप्यूटर ट्रांसलेशन सिस्टम मोनोलिंगुअल कॉर्पोरा और पैरेलल कॉर्पस दोनों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हम अपने मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम को सिर्फ मोनोलिंगुअल कॉर्पोरा के माध्यम से ट्रेन्ड करेंगे। इससे यूजर्स ज्यादा शुद्धता के साथ ट्रांसलेशन पा सकेंगे।

  • Tags

You can share this post!

Leave Comments